Isa Masih | God Bless you | Ankur narula

ईसा मसीह के बारे में जाने...

जीवन परिचय -
माना जाता है कि येशु मसीह का जन्म 4 से 6 ईसवी पूर्व बेथलेहम के फिलिस्तीन सहर में हुआ था यह अरब का एक राज्य है जो बाद में अंग्रेजो और फ़्रांसीसियों ने कब्ज़ा कर लिया। येशु के पिता एक लोहार थे जिसको आज के युग में बढ़ई के नाम से भी जाना जाता है।
इनके माता का नाम मरियम और पिता का नाम यूसुफ था। 2 वर्ष के उपरांत येशु के पिता की मृत्यु हो गयी जब उनका जन्म हुआ था। यीशु के मृत्यु के बाद इनकी माता मरियम ने इनकी देखभाल की और इनकी पढ़ाई लिखाई करवाई।

यह भी बताया जाता है की पढ़ाई पूरी होने के बाद ये धर्म की स्थापना में जुट गए। प्रभु येशु ने लोगो के लिए भलाई का कार्य करने लगे और लोगो को सही रह पर चलने की प्रेणा देने लगे। इस तरह से लोगो के मन में प्रभु येशु के लिए विश्वास बढ़ता रहा और वो लोगो का दिल जितने लगे क्यों की वो लोगो की हमेशा भलाई की बात करते थे।

लोगो के प्रति प्रेम देख कर वहां के एक यहूदी राजा पोंटियंस को डर लगने लगा की कहीं यहूदी क्रांति न कर दे। राजा पोंटियंस जानते थे की अगर येशु को न रोका गया तो उनकी राजशाही जा सकती है। इसलिए राजा पोंटियंस प्रभु येशु को मृत्यु दंड की सजा सुना दी।

सजा के लिए प्रभु येशु को बांस बल्ली से बने हुए ढांचे पर उनको चढ़या गया और मृत्यु हो गयी। मृत्यु के बाद में उनको कब्र में दफनाया गया। बताया यह भी जाता है 3 दिन बाद प्रभु येशु दुबारा जीवित हो गए ये यहूदियों ने अपनी आँखों से देखा। बाद में प्रभु येशु शिष्यों ने जन जन तक यह बात बताई। उसके उपरांत ही एक नए धर्म का जन्म होता है जिसको ईसाई धर्म के नाम से जाना जाता है।

चमत्कार :- प्रभु येशु ने अपने शिष्यों के सामने अनगिनत चमत्कार दिखाए लेकिन कभी भी उसको बाइबल में लिखा नहीं जा सका क्यों की प्रभु येशु मानते थे की ये सब विश्वास करने की बात है।

प्रभु येशु के कुछ चमत्कार इस प्रकार हैं। जैसे वो एक बार की बात है की प्रभु अपने शिष्यों के साथ एक गहरा सागर पार का रहे थे तभी अचानक से एक तूफान आ गया। तूफान को देख कर उनके सभी शिष्य बहुत घबरा गए। तभी प्रभु येशु ने अपनी शक्तियों से तूफान को शांत कर दिया।

प्रभु यीशु ने बहुत से लोगो की बिमारियों को ठीक किया जैसे। अंधापन , बहरापन लूले लँगड़ो का इलाज , कोढ़ और भी बहुत सी बीमारियां हैं जिनका जिक्र नहीं किया सा सकता। प्रभु येशु अपने आप में एक महान हैं।

धर्म का प्रसार और प्रचार -: प्रभु येशु बहुत कम उम्र से ही नेक रह पर चलना और लोगो की भलाई के बारे में बातें किया किया करतें थे। प्रभु कहतें थे की सभी लोगो नेक रह पर चलना चाहिए किसी को किसी से कोई बैर नहीं रखना चाहिए। जिसकी जितनी मदत करनी पड़े वो करना चाहिए।

प्रभु ने कहा की भलाई करने से स्वर्ग और मोच्छ प्राप्त होता है और उन्होंने कहा की ईश्वर सभी से प्रेम करता है। इंसान को कभी किसी भी वजह से किसी से भी क्रोध में बदला नहीं लेना चाहिए। क्यों कि अगर कोई भी इंसान किसी से भी बदले की भावना रखता है तो वह आगे नहीं बढ़ पता है। प्रभु कहतें है की हम सब ईश्वर के पुत्र हैं।

माँ मरियम के बारे में :- बहुत पुरानी बात है मंगनी यूसुफ दाऊद नाम के परिवार में एक कन्या का जन्म हुआ जिसका नाम मरियम पड़ा लोगो का मानना है की प्रभु यीशु ईश्वर के अवतार है इसलिए लोग उनको माता मरियम कह कर पुकारते हैं प्रभु येशु के पिता के मृत्यु के बाद माता मरियम ने कोई दूसरा बिवाह नहीं किया। और वो अकेले ही अपना जीवन यापन किया।

प्रभु येशु का विरोध -: रोमी सैनिको ने प्रभु येशु पर बहुत से जुल्म किये उनको कोड़ो से मारा जहाँ जाते थे उनपर थूकते थे रोमी सैनिक ये चाहते थे प्रभु येशु लोगो की भलाई करना बंद कर दें क्यों को लोग उनकी तरफ आकर्षित हो रहे थे जिस से उनका राजशाही जा सकती थी. इसलिए रोमी सैनिको ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया और अंत में उनको मृत्यु दंड दे दिया।

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